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Madhya Pradesh- अकुशल मजदूर से भी कम वेतन दे रही सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षकों को

शिक्षकों की दुर्दशा का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उच्च शिक्षण प्राप्त कर चुके बेरोजगार युवाओं को मजदूरों से भी कम वेतन पर पढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है ।मध्यप्रदेश में यदि ऐसी ही व्यवस्था रही तो आगे उनका भगवान ही भला कर सकता है। दैनिक वेतन भोगी या यूं कहें

Madhya Pradesh- अकुशल मजदूर से भी कम वेतन दे रही सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षकों को

शिक्षकों की दुर्दशा का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उच्च शिक्षण प्राप्त कर चुके बेरोजगार युवाओं को मजदूरों से भी कम वेतन पर पढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है ।मध्यप्रदेश में यदि ऐसी ही व्यवस्था रही तो आगे उनका भगवान ही भला कर सकता है।

दैनिक वेतन भोगी या यूं कहें कि कलेक्टर दर में कार्य कर रहे मजदूरों का वेतन अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ा रहे शिक्षकों से बहुत ज्यादा है,जबकि उच्च शिक्षा प्राप्त कर शासकीय विद्यालयों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक बहुत ही योग्य हैं उसके बावजूद भी उन्हें योग्यता के हिसाब से वेतन नही मिल रहा है, पता नही मध्यप्रदेश सरकार अतिथि शिक्षकों के साथ ऐसा अन्याय क्यों कर रही है।

एक अकुशल मजदूर का वेतन अक्टूबर 2022 के अनुसार 9325 रु है ,अर्ध कुशल मजदूर का वेतन 10182 रु है वहीं वर्ग 1 ( व्याख्याता )में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों को 9000 रु दिया जा रहा है। वर्ग 2 और वर्ग 3 में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक तो मजदूरों के वेतन का भी आधा वेतन दिया जा रहा है। वर्ग 2 को 7000 रु व वर्ग 3 में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक को तो मात्र 5000 ही दिया जा रहा है जो अर्ध कुशल मजदूरों के वेतन दर 10182 रु में आधे से भी कम है।

Madhya Pradesh- अकुशल मजदूर से भी कम वेतन दे रही सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षकों को

आखिर इतना पढ़ने लिखने के बावजूद भी क्या ये अतिथि शिक्षक मजदूरों के बराबर भी वेतन पाने के योग्य नहीं हैं, आखिर इनके साथ इतना भेदभाव क्यों , कोई भी सरकार या राजनीतिक पार्टियां अतिथि शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दों को क्यों नही उठा रही है, यह सवाल अतिथि शिक्षक कई बार सरकार के सामने भी उठा रहे हैं लेकिन सरकार चुप है।