SGMH में न तो टीन शेड का निर्माण हुआ और न ही भुगतान, लोनिवि को बदनाम करने उपेक्षित संविदाकारों ने रची साजिश

अधिकारियों पर दबाव बनाने ठेकेदारों ने मीडिया में दी भ्रामक जानकारी, पूरे प्रदेश में मामले की चर्चा
इन दिनों संजय गांधी चिकित्सालय में 2 करोड़ के फर्जी भुगतान के मामले में लोक निर्माण विभाग (भ/स) की चर्चा प्रदेश स्तर पर हो रही है। बुलंद सोच की टीम ने कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों से बात की और इस मामले की पड़ताल की तो हमारी टीम ने पाया कि एन.के.पी. माधवनगर के द्वारा किसी भी प्रकार का कार्य संजय गांधी चिकित्सालय में नहीं किया गया है। चिकित्सालय परिसर में टिन शेड के किसी प्रकार के निर्माण कार्य का भुगतान कार्यपालन यंत्री के द्वारा नहीं किया गया है।
बुलंदसोच ब्यूरो रीवा।
SGMH यानी संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में टीन शेड निर्माण के 2 करोड़ रुपये फर्जी भुगतान को लेकर मीडिया में लोक निर्माण विभाग को लेकर खूब खबरें प्रकाशित हुई। बुलंद सोच की टीम ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि न तो संजय गांधी अस्पताल में किसी भी प्रकार का कोई टिन शेड का निर्माण हुआ है, और न ही लोक निर्माण विभाग ने इस कार्य के लिए किसी भी प्रकार की कोई राशि का भुगतान किया है।
गौरतलब है कि इन दिनों संजय गांधी चिकित्सालय में 2 करोड़ के फर्जी भुगतान के मामले में लोक निर्माण विभाग (भ/स) की चर्चा प्रदेश स्तर पर हो रही है। बुलंद सोच की टीम ने कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों से बात की और इस मामले की पड़ताल की तो हमारी टीम ने पाया कि एन.के.पी. माधवनगर के द्वारा किसी भी प्रकार का कार्य संजय गांधी चिकित्सालय में नहीं किया गया है। चिकित्सालय परिसर में टिन शेड के किसी प्रकार के निर्माण कार्य का भुगतान कार्यपालन यंत्री के द्वारा नहीं किया गया है। मामले की जानकारी जब और सूक्ष्म तरीके से ली गयी तो यह पता चला कि संबंधित संविदाकार द्वारा अन्य स्थानों में कार्य कराया जा रहा है, जिसका आदेश निविदा के आधार पर मुख्य अभियंता द्वारा दिया गया था। कराए गए कुल कार्य का भुगतान कुल ठेका के कार्य से कम है। जिसके देयक का भुगतान किया गया हैं, ना कि 1 करोड़ 98 लाख का।
पीडब्ल्यूडी केवल निर्माण एजेंसी
लोक निर्माण विभाग शासन के निर्माण ऐजेंसी के तौर पर कार्य करता है। शासन के किसी भी विभाग को भवन या सड़क निर्माण कार्य कराना होता है तो वह विभाग लोक निर्माण विभाग को राशि देता है तब लोक निर्माण विभाग टेंडर जारी कर ठेकेदार से उक्त कार्य करवाता है।
संजय गांधी चिकित्सालय में टिन सेड निर्माण हेतु अस्पताल के उच्च अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी को पत्र प्रेषित किया। पीडब्ल्यूडी ने उक्त कार्य का स्टीमेट बनाकर तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत उक्त कार्य का टेंडर जारी किया और ठेकेदार से अनुबंध किया। उक्त निर्माण कार्य हेतु संजय गांधी चिकित्सालय द्वारा राशि उपलब्ध नहीं कराने पर उसी टेंडर पर उसी ठेकेदार से पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने मुख्य अभियंता से स्वीकृति लेकर अन्य कार्य कराए, जिसका भुगतान संविदाकार को किया गया।
संविदाकारों ने मीडिया में फैलाया भ्रम
हमारी टीम ने मामले की पड़ताल करते हुए जब कार्यालय के कर्मचारियों से बात की तो नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी के द्वारा बताया गया कि " कुछ संविदाकार विभाग को बदनाम करने के लिए ऐसी झूठी शिकायत और झूठी खबर फैलातें हैं। जब हमारी टीम ने श्यामशाह मेडिकल कालेज के लेखा विभाग में पड़ताल की तो पता लगा कि टीन शेड के कार्य की निविदा हुई थी किन्तु उक्त कार्य हेतु अस्पताल प्रबंधन द्वारा लोक निर्माण विभाग एवं निर्माण एजेंसी को किसी प्रकार की राशि आवंटित नहीं की गयी थी। जिस कारण उक्त कार्य नहीं किया जा सका था और ना ही किसी प्रकार का भुगतान संविदाकार को किया गया है। हालांकि हमारी पड़ताल से स्पष्ट हो गया है कि इस सबके पीछे विभाग के ही जयचंदों द्वारा अधिकारी एवं विभाग को बदनाम करने की साजिश रची गई है। कार्यालय के एक कर्मचारी द्वारा बताया गया की शिकायतकर्ता खुद संविदाकार है, जो की आये दिन ऐसी झूठी शिकायतें करता है, जिससे विभाग में उसकी धौंस बनी रहे। वह अधिकारी कर्मचारियों को ब्लैकमेल करता रहे। हालांकि शिकायत की सूक्ष्म जांच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। जिसमें तकनीकी अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। जल्द ही इस मामले की वास्तविक सच्चाई सामने आ जायेगी।