हाल ए लोक निर्माण विभाग: कार्यालयीन समय के बाद संविदाकार लुटाते हैं पैसा और बाबू करते हैं मुजरा

लोक निर्माण विभाग भवन सड़क रीवा में कुछ ना कुछ आए दिन नया होता रहता है। संविदाकार या तो कार्यालय काम से जाते हैं या तो बिना काम के हाजिरी लगाने जाते हैं लेकिन जाते जरूर हैं। कुछ संविदाकार तो सुबह से शाम तक ऐसे बैठे रहते हैं, जैसे उपस्थिति रजिस्टर में उनका नाम लिख गया हो। लेकिन शाम ढलते ही, कार्यालय समय पूरा होने के बाद ऐसे संविदाकारों और कार्यालय के बाबुओं का रंग बदलने लगता है।
कार्यालय में काम करने वाले कुछ कर्मचारी तो 24 घंटे नशे के स्थिति में रहते हैं और नशीले मादक पदार्थ को अपने जेब में रखे रहते हैं। अगर जांच की जाय और तलाशी ली जाय तो ऐसे कर्मचारियों के ऊपर तो एन. डी.पी. एस. एक्ट दर्ज हो जाए और हवालात की हवा भी खानी पड़े।
बुलंदसोच, विशेष संवाददाता रीवा।
लोक निर्माण विभाग भवन सड़क रीवा में कुछ ना कुछ आए दिन नया होता रहता है। संविदाकार या तो कार्यालय काम से जाते हैं या तो बिना काम के हाजिरी लगाने जाते हैं लेकिन जाते जरूर हैं। कुछ संविदाकार तो सुबह से शाम तक ऐसे बैठे रहते हैं, जैसे उपस्थिति रजिस्टर में उनका नाम लिख गया हो। लेकिन शाम ढलते ही, कार्यालय समय पूरा होने के बाद ऐसे संविदाकारों और कार्यालय के बाबुओं का रंग बदलने लगता है। रात होते-होते हाल ऐसा हो जाता है की कुछ बाबू घर पहुंच पाते हैं कुछ की रात वहीं बीतती है।
सूत्रों के अनुसार कार्यालय में काम करने वाले अधिकतर बाबू और निचले स्तर के कर्मचारी नशे की गिरफ्त में हैं, अधिकारियों के जाने के बाद टेबल से फाइल हटाकर वहां पर चखने और शराब की बोतले जमा दी जाती हैं, फिर सौदा होता है उचित खुदरा मूल्य ₹70 की कीमत वाली शराब और गोपनीय फाइलों का।
जो ऐसे बाबुओं को शराब पिलाता है, उनको गोपनीय फाइलें गोपनीय कागज और विभाग के दस्तावेज बिना किसी कोरम पूरा किए उपलब्ध हो जाते हैं।
कभी-कभी तो हालात ऐसे बिगड़ जाते हैं कि नशे करने के बाद आपस में जूतम पैजार की स्थिति भी बन जाती है और फिर वह विवाद गाली गलौज और मां बहन की आबरू तक पहुंच जाता है।
नशे की जांच वाली मशीन की आवश्यकता
कार्यालय में काम करने वाले कुछ कर्मचारी तो 24 घंटे नशे के स्थिति में रहते हैं और नशीले मादक पदार्थ को अपने जेब में रखे रहते हैं। अगर जांच की जाय और तलाशी ली जाय तो ऐसे कर्मचारियों के ऊपर तो एन. डी.पी. एस. एक्ट दर्ज हो जाए और हवालात की हवा भी खानी पड़े।
वर्तमान कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी को जब ऐसे नशेडियों के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने कमरकसी जिससे कुछ की तो पेंट गीली हो गई और कुछ डायपर लगाकर आने लगे हैं।
स्वागत भवन परिसर में वृद्ध आश्रम भी है, जिससे वहां रहने वाले वृद्धो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, शराबी इकट्ठा होकर परिसर में भी नंगा नाच करते हैं। जिससे बीच बाजार में कई बार भीड़ भी इकट्ठा हो जाती है।
कार्यालय से गायब हो रहे हैं दस्तावेज
सूत्रों की मानें तो कार्यालय से महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो रहे हैं, जो केवल संबंधित बाबुओं के पास ही रहने चाहिए वह बाजार में आ रहे हैं। इसके लिए जब पड़ताल की गई तो पता चला ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को रखने वाले संबंधित बाबू शाम ढलने के बाद नशे में टल्ली हो जाते हैं। अपने पैंट और शर्ट को भी नहीं संभाल पाते हैं। ऐसे बाबुओं के हवाले महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जवाबदेही है, इसीलिए दस्तावेज बाहर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि ऐसे कर्मचारियों के ऊपर प्रशासन का शिकंजा कैसे कसता है और इनके ऊपर क्या कार्यवाही होती है?