- शिव की साधना से मिलेगा पांच गुना फल
- शिव योग की साक्षी में मनाया जायेगा यह पर्व
Maha Shivratri 2022: शिव पार्वती विवाह का महापर्व महाशिवरात्रि इस बार मंगलवार को शिव योग की साक्षी में आ रहा है। ग्रह गोचर की मान्यता के आधार पर देखें तो वार, तिथि, योग, नक्षत्र, करण तथा ग्रहों के संचरण का यह समय विशिष्ट अनुक्रम बना रहा है। शास्त्रीय गणना के अनुसार ग्रहों की इस प्रकार की विशिष्ट स्थित एक शताब्दी में एक या दो बार बनती है। विशेष ग्रह स्थिति व योग नक्षत्र की साक्षी में महाशिवरात्रि पर की गई शिव साधना का भक्त को पांच गुना अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है।
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ज्योतिषाचार्यों की मानें तो महाशिवरात्रि मंगलवार को धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, चतुष्पद करण तथा कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। इस दिन कुंभ राशि पर सूर्य, चंद्र तथा बृहस्पति का त्रिग्रही योग बन रहा है। इस योग में चंद्र सूर्य का विशेष प्रभाव गुरु के साथ संयुक्त होगा। ऐसे योगों में व्रत, अनुष्ठान तथा अन्य धार्मिक कार्यों का व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है.
महाशिवरात्रि पर यह है शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2022 Shubh Muhurat)
महाशिवरात्रि पर सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा.इसके बाद दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक विजय मुहूर्त रहने वाला है. पूजा या कोई शुभ कार्य करने के लिए ये दोनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं. इसके बाद शाम को 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा.
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सूर्य का बनेगा केंद्र योग
महाशिवरात्रि पर सूर्य का केंद्र योग बनेगा। इस योग में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान मनोवांछित फल प्रदान करने वाले माने गए हैं। किसी विशेष कामना को पूर्ण करने के लिए इस दिन विद्वान ब्राह्मण के माध्यम से यथोचित अनुष्ठान कराना चाहिए।
चतुर्ग्रही योग का प्रभाव रहेगा
महाशिवरात्रि पर ग्रहों के परिभ्रमण की बात करें, तो इस दिन मकर राशि में मंगल, बुध, शनि तथा शुक्र चार ग्रहों का संयुक्त अनुक्रम रहेगा। इसका प्रभाव अलग-अलग प्रकार से दिखाई देगा। शिव साधना के लिए इस प्रकार के योग विशेष लाभकारी साबित होते हैं।