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SHIVSENA- सत्ता भी गई नाम भी गया चुनाव चिन्ह भी गया ,अब उध्दव ठाकरे खाली हाँथ क्या करेंगे ? शिवसेना एकनाथ शिंदे के पास

मुंबई राजनीति कब क्या गुल खिलाये कहा नही जा सकता है, जैसे क्रिकेट हो या कोई भी खेल जब तक समय समाप्त नही होता कौन जीतेगा कौन हारेगा कोई नहीं बता सकता। महाराष्ट्र में राजनीति किस करवट बैठी शायद किसी को भी यकीन नही हुआ होगा । बाला साहेब ठाकरे ने जिस शिवसेना की नींव

मुंबई

राजनीति कब क्या गुल खिलाये कहा नही जा सकता है, जैसे क्रिकेट हो या कोई भी खेल जब तक समय समाप्त नही होता कौन जीतेगा कौन हारेगा कोई नहीं बता सकता।

महाराष्ट्र में राजनीति किस करवट बैठी शायद किसी को भी यकीन नही हुआ होगा । बाला साहेब ठाकरे ने जिस शिवसेना की नींव रखी थी उन्होंने भी नही सोचा होगा कि मेरे बाद मेरे बेटे भी इस पार्टी को नही संभाल पाएंगे।

पिछले चुनाव में शिवसेना और भाजपा ने साथ मे चुनाव लड़ा लेकिन मुख्यमंत्री की लड़ाई में शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से हाँथ मिला शिवसेना अध्यक्ष उध्दव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन पिछले वर्ष उध्दव ठाकरे से बगावत कर एक नाथ शिन्दे ने शिवसेना के 45 विधायकों के साथ भाजपा से मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली और मुख्यमंत्री बन बैठे।

महाराष्ट्र में शिवसेना दो गुटों में बंट गई एक शिवसेना शिंदे गुट दूसरा उद्धव ठाकरे गट ।कौन असली शिवसेना है इसकी लड़ाई चुनाव आयोग में चल रही थी, आज चुनाव आयोग ने बहुमत के आधार पर एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना को मान्यता दी है, अब धनुष बाण चिन्ह शिवसेना सब कुछ एकनाथ शिंदे के हाँथ में आ गया है।

अब उद्धव ठाकरे क्या करेंगे न तो उनके पास पार्टी बची और न ही चुनाव चिन्ह। वहीं संजय राउत ने कहा है की ये लोकतंत्र की हत्या है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा बालासाहेब ठाकरे की जीत है।