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MP में ठंड का आखिरी दौर!:प्रदेश के कई इलाकों में चलेगी शीतलहर, दिन का पारा लुढ़केगा; उमरिया, जबलपुर और धार में कोल्ड-डे का अलर्ट

पाकिस्तान से आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ गई है। शनिवार सुबह तक प्रदेश के कई इलाकों में शीतलहर चल सकती है। उमरिया, जबलपुर और धार में कहीं-कहीं कोल्ड-डे रह सकता है। इसके अलावा मंडला, बालाघाट, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, उज्जैन, शाजापुर, इंदौर और बैतूल में भी कुछ-कुछ इलाकों में दिन में

पाकिस्तान से आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ गई है। शनिवार सुबह तक प्रदेश के कई इलाकों में शीतलहर चल सकती है। उमरिया, जबलपुर और धार में कहीं-कहीं कोल्ड-डे रह सकता है। इसके अलावा मंडला, बालाघाट, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, उज्जैन, शाजापुर, इंदौर और बैतूल में भी कुछ-कुछ इलाकों में दिन में ज्यादा ठंड रहेगी।
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि रविवार तक इसी तरह ठंड बनी रहेगी। 13 फरवरी से नया सिस्टम बनेगा। उससे दिन और रात में ठंड से कुछ राहत की उम्मीद है। हालांकि, अब बारिश की संभावना नहीं है। सुबह-सुबह कई इलाकों में हल्का कोहरा भी देखा गया।
यहां रहा कोहरा
चौबीस घंटों के दौरान दिन और रात के तापमान में काफी गिरावट हुई है। अधिकतम तापमान अधिकांश इलाकों में 30 से लुढ़ककर 22 डिग्री सेल्सियस तक आ गया। रात में भी कहीं-कहीं पारा 7 डिग्री सेल्सियस पर गिर गया। पाकिस्तान से आ रही हवाओं के कारण उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश हुई। भोपाल के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह भी हल्का कोहरा रहा। गुना, ग्वालियर, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर और उमरिया में हल्का कोहरा रहा।
रात का पारा 10 डिग्री के नीचे आया
दिन के बाद रात का पारा भी तेजी से लुढ़क गया। सर्द हवाओं के कारण पारे के तेवर नरम पड़े हैं। प्रदेश भर में कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश जगहों पर पारा 10 के नीचे आ गया है। कई जगह तो यह पांच डिग्री के नीचे आ गया। एक दिन पहले तक रात का पारा कहीं-कहीं 14 डिग्री तक पहुंच गया था। जबलपुर में 11 डिग्री से लुढ़ककर रात का पारा 6.6 डिग्री पर आया। भोपाल 12 डिग्री से 6.6 डिग्री, ग्वालियर में 11 डिग्री से 6.6 और इंदौर में रात का पारा 13.1 डिग्री से गिरकर 9.4 डिग्री पर आ गया।
अगला सिस्टम 13 फरवरी से बनेगा
वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ (पाकिस्तान से आ रही हवाएं) पाकिस्तान के ऊपर एक ट्रफ के रूप में हैं। जिसके प्रभाव में पूर्वोत्तर राजस्थान के ऊपर प्रेरित चक्रवात सक्रिय है। इससे होकर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से होते हुए कर्नाटक तक एक ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। 13 फरवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने की संभावना बनी हुई है।