Friday, July 18, 2025
HomeMP News (मध्यप्रदेश समाचार)बछड़े पर कुत्तों का हमला और डॉक्टर का इंकार — मऊगंज के...

बछड़े पर कुत्तों का हमला और डॉक्टर का इंकार — मऊगंज के मझिगवां में 24×7 पशु एम्बुलेंस सेवा की पोल खुली

📍 रिपोर्ट: धर्मेंद्र गुप्ता | मऊगंज ब्यूरो, Buland Soch News
🗓 11 जुलाई 2025

हनुमना विकासखंड के मझिगवां गांव में लहूलुहान बछड़ा, लेकिन डॉक्टर ने कहा — “अब ड्यूटी खत्म हो गई है”

मध्यप्रदेश के रीवा ज़िले के हनुमना विकासखंड के मझिगवां गांव में गुरुवार शाम को एक संवेदनशील और बेहद चिंताजनक घटना सामने आई। गाँव में आवारा कुत्तों के झुंड ने एक मासूम बछड़े पर अचानक हमला कर दिया। बछड़ा गंभीर रूप से घायल हो गया और खून से लथपथ ज़मीन पर गिर पड़ा।
घटना को देख ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पशु एम्बुलेंस सेवा (टोल फ्री नंबर 1962) पर कॉल कर मदद मांगी, लेकिन यहां से जो जवाब मिला, उसने सरकारी सेवाओं की सच्चाई उजागर कर दी।

ग्रामीणों के अनुसार, एम्बुलेंस के साथ तैनात डॉक्टर ने फोन पर स्पष्ट कहा —

"अब हमारा ड्यूटी टाइम खत्म हो गया है, सुबह देखेंगे।"

इस बयान से न केवल लोगों में आक्रोश फैला, बल्कि प्रदेश में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित “24×7 पशु एम्बुलेंस सेवा” की वास्तविकता भी सामने आ गई।


24 घंटे सेवा का दावा — ज़मीनी हकीकत शून्य?

प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 में 1962 नंबर पर आधारित 24×7 पशु एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य था — दुर्घटनाग्रस्त, बीमार या पीड़ित पशुओं को प्राथमिक और आपातकालीन उपचार मुहैया कराना।

इस सेवा के तहत हर जिले में एक पशु एम्बुलेंस वाहन, एक डॉक्टर, एक सहायक और एक ड्राइवर की नियुक्ति की जाती है।

लेकिन मझिगवां की घटना में:

  • शाम 5:00 बजे के बाद सेवा देने से साफ इंकार किया गया।
  • डॉक्टर ने मौके पर पहुंचने से इनकार कर मरीज पशु को रातभर तड़पता छोड़ दिया।
  • घायल बछड़े की हालत देर रात तक नाजुक बनी रही।

यह घटना दर्शाती है कि “24×7” की जगह कहीं यह सेवा केवल “10 से 5” तक ही सीमित तो नहीं है?


ग्रामीणों का फूटा गुस्सा — “अगर इंसान होता तो मीडिया हेडलाइन बनती, पशु की जान की कोई कीमत नहीं?”

मझिगवां के निवासी रामप्रसाद साहू और कल्लू पटेल ने Buland Soch News से बात करते हुए कहा कि

"हमने तुरंत कॉल किया, लेकिन डॉक्टर ने कहा अब उनका टाइम ओवर है। अगर यही किसी इंसान के साथ होता तो प्रशासन और मीडिया जाग जाती। पशुओं के लिए जवाबदेही कब बनेगी?"

ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से प्रशासन से यह मांग रखी है कि:

  1. इस मामले की जांच कर संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई की जाए
  2. 24×7 सेवा की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाए
  3. गांवों में स्थायी पशु चिकित्सकों की नियुक्ति हो, ताकि ऐसी आपात स्थिति में कोई पशु तड़पकर न मरे।

बड़ा सवाल — क्या पशुओं के जीवन का कोई मोल नहीं?

भारत में पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। एक बछड़ा केवल पशु नहीं, बल्कि किसान की आजीविका का हिस्सा होता है। इस तरह की लापरवाही न केवल संवेदनहीनता को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण जनजीवन पर इसका सीधा प्रभाव भी पड़ता है।

राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड और मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग ने समय-समय पर पशु अधिकार और उपचार के प्रति संवेदनशीलता की अपील की है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालात कुछ और ही कहानी कहते हैं।


सरकारी जवाबदेही की दरकार

Buland Soch News ने इस विषय पर रीवा जिला पशुपालन अधिकारी से बात करने की कोशिश की, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी।

सरकार को चाहिए कि वो इस मामले को केवल एक “बछड़े की घटना” न समझे, बल्कि इसे एक सिस्टम फेलियर माने और सुधार की दिशा में त्वरित कदम उठाए।


Buland Soch की राय:

"सेवाएं सिर्फ विज्ञापन या घोषणा से नहीं, कर्तव्य और ज़मीन पर मौजूदगी से साबित होती हैं। जब डॉक्टर खुद तय कर लें कि इलाज का समय सुबह ही होगा — तो फिर आपातकालीन सेवा का मतलब ही क्या रह जाता है?"

📌 जुड़े रहिए Buland Soch News के साथ —
जहां खबरें सिर्फ बताई नहीं जातीं, जवाबदेही तक पहुंचाई जाती हैं।

📲 वेबसाइट: www.bulandsochnews.in
📧 संपर्क करें: editor@bulandsochnews.in
📡 फेसबुक | यूट्यूब | ट्विटर | इंस्टाग्राम

✍ धर्मेंद्र गुप्ता
Buland Soch News | मऊगंज ब्यूरो
“हम वो दिखाते हैं, जो आप महसूस करते हैं।”

kanchan shivpuriya
kanchan shivpuriyahttp://www.bulandsoch.com
कंचन शिवपुरीया माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की मास कम्युनिकेशन की छात्रा हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और सामाजिक मुद्दों पर स्पष्ट, तथ्यपूर्ण एवं संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments