
इंदौर और उज्जैन के 75 से अधिक स्टूडेंट्स की NEET-UG 2025 परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने की वजह से रि-एग्जाम की मांग अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने वाली है। हाईकोर्ट द्वारा याचिकाएं खारिज किए जाने के बाद याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से अधिवक्ता मृदुल भटनागर ने कहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जाएगी। उनका तर्क है कि 22 लाख स्टूडेंट्स में से मात्र 75 को छोड़कर बाकी सभी को बेहतर परीक्षा वातावरण मिलना न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह गारंटी दी जा सकती है कि बाकी 21 लाख स्टूडेंट्स का प्रदर्शन बिजली की समस्या से प्रभावित नहीं हुआ?
हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने 10 जुलाई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था और हाल ही में यह निर्णय सुनाया गया कि इस मामले में रि-एग्जाम कराने की ज़रूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि छात्रों के खिलाफ कोई दंडात्मक निर्णय नहीं लिया गया और मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई गई थी, जिसकी सिफारिश पर रि-एग्जाम को अस्वीकार कर दिया गया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए परीक्षा केंद्रों पर बैकअप और वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। हालांकि छात्र पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया कि पिछले वर्ष 1543 छात्रों के लिए रि-एग्जाम की अनुमति दी गई थी, ऐसे में इस बार भी समान न्याय मिलना चाहिए।
छात्रों की ओर से वकीलों मृदुल भटनागर और विवेक शरण ने कोर्ट में कहा कि परीक्षा के दौरान बिजली कटौती के कारण छात्रों को मानसिक दबाव और असहज परिस्थितियों में परीक्षा देनी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन केंद्रों पर बिजली गई, वहां पावर बैकअप की समुचित व्यवस्था नहीं थी और न ही जनरेटर की मौजूदगी सुनिश्चित की गई थी। इतना ही नहीं, कोर्ट रूम में जज ने खुद परीक्षा पेपर अंधेरे में पढ़ने का प्रयास किया, ताकि छात्रों की स्थिति को समझा जा सके। बावजूद इसके कोर्ट ने रि-एग्जाम की मांग को खारिज कर दिया।
NTA की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखते हुए कहा कि इस बार 22 लाख छात्रों ने परीक्षा दी है और परीक्षा की व्यवस्था पूरे देश में संतोषजनक रही। जिन केंद्रों पर बिजली गुल होने की बात कही जा रही है, वहां पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और बैकअप मौजूद था। NTA ने हाईकोर्ट में सीसीटीवी फुटेज और केंद्रों की रिपोर्ट भी पेश की। हालांकि छात्र पक्ष ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि NTA की रिपोर्ट में तथ्यात्मक त्रुटियां हैं और कई केंद्रों पर सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध नहीं है।
हाईकोर्ट ने NTA की अपील स्वीकार करते हुए छात्रों की रि-एग्जाम से संबंधित सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। इसके साथ ही उन 75 छात्रों का रिजल्ट जारी कर दिया गया है जिन्हें पहले रिजल्ट से रोका गया था। अब NEET-UG 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया 21 जुलाई से शुरू होनी संभावित है। छात्र पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी और वहां सभी मजबूत तर्कों और प्रमाणों के साथ पक्ष रखा जाएगा ताकि छात्रों के साथ न्याय हो सके।