Friday, July 18, 2025
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AI Day 2025: तकनीक के जश्न से आगे — जिम्मेदारी की नई चुनौती

Buland Soch News | विशेष रिपोर्ट

आज पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है AI Day — एक दिन, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास, उसके चमत्कार और भविष्य की संभावनाओं पर केंद्रित है। लेकिन जब पूरी दुनिया AI के अवसरों का उत्सव मना रही है, तब जरूरी है यह सवाल उठाना कि क्या हम इसकी चुनौतियों और खतरों को लेकर उतने ही गंभीर हैं?

Agentic AI — तकनीक का अगला बड़ा मोड़

इस साल की सबसे बड़ी चर्चा में शामिल है Agentic AI, यानी ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो इंसानी निर्देशों के बिना अपने आप निर्णय ले सकता है और कार्य कर सकता है। IBM के अनुसार, अगले दो वर्षों में Agentic AI को बड़े कारोबारी संस्थानों में लागू किया जाएगा। Amazon ने अपने Bedrock AgentCore प्लेटफॉर्म में 100 मिलियन डॉलर का निवेश कर इसे बाजार में उतारने की तैयारी कर ली है। इसका मतलब यह है कि AI अब सिर्फ एक सहायक नहीं, बल्कि खुद फैसले लेने वाला एजेंट बनता जा रहा है।

Meta का Prometheus Project — दुनिया का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर

दूसरी ओर, सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी दिग्गज Meta ने अमेरिका में Prometheus Project की नींव रखी है। यह डेटा सेंटर आकार में न्यूयॉर्क के मैन्हट्टन जितना बड़ा होगा और इसका लक्ष्य होगा — दुनिया के सबसे बड़े और जटिल AI मॉडल्स को ट्रेन करना। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सेंटर 2026 तक पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा और अमेरिका को AI सुपरपावर की रेस में सबसे आगे ले जाने वाला साबित हो सकता है।

AI का असर — कंपनियों, सरकारों और समाज पर

AI अब सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था, बिजनेस रणनीतियों और शासन व्यवस्था का हिस्सा बन चुका है। Microsoft Research के वैज्ञानिकों के मुताबिक, AI ने पहले ही विज्ञान, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव शुरू कर दिए हैं। Amazon का Bedrock Agent अब ग्राहक सेवा में भी इस्तेमाल हो रहा है, जो खुद समस्या का समाधान देता है।

क्या इंसान तैयार है AI के साथ जीने के लिए?

Future of Life Institute की ताजा रिपोर्ट कहती है कि दुनिया की टॉप AI कंपनियां अब भी अपनी ही तकनीक से पैदा होने वाले जोखिमों के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। यूरोपीय यूनियन ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए AI Code of Practice लागू कर दिया है, जो कॉपीराइट, डेटा सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) और यूनेस्को भी वैश्विक नीति और नैतिक गाइडलाइन बनाने पर काम कर रहे हैं।

भारत का नजरिया — BharatGen और भारतीय भाषाओं के लिए AI

भारत सरकार भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। भारत ने हाल ही में BharatGen नामक AI मॉडल लॉन्च किया है, जो भारतीय भाषाओं में काम करेगा और खासतौर पर ग्रामीण भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। यह स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

AI — अवसर या खतरा?

IBM के AI प्रमुख दिनेश निर्मल के अनुसार, Agentic AI व्यापार की दुनिया का गेम चेंजर साबित हो सकता है, लेकिन इसका सही और नैतिक उपयोग ही असली चुनौती होगी। वहीं Microsoft के विशेषज्ञ मानते हैं कि AI विज्ञान के हर क्षेत्र को नई दिशा दे रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ वैश्विक स्तर पर नीति निर्धारण भी उतना ही जरूरी है।

Buland Soch का सवाल — सिर्फ तकनीक या सोच?

AI Day के मौके पर हमारा सीधा सवाल है — क्या हम सिर्फ तकनीक की दौड़ में लगे हैं या इसे मानवता के हित में दिशा देने के लिए भी तैयार हैं? क्योंकि असली ताकत कोडिंग में नहीं, सोच में है। आज जो AI हमारे लिए फैसले ले रहा है, कल वो हमारी जिंदगी भी नियंत्रित कर सकता है।

इसलिए AI Day सिर्फ तकनीक का जश्न नहीं, जागरूकता का संकल्प भी होना चाहिए। Buland Soch News — जहां खबरें नहीं, असर छपता है।

kanchan shivpuriya
kanchan shivpuriyahttp://www.bulandsoch.com
कंचन शिवपुरीया माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की मास कम्युनिकेशन की छात्रा हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और सामाजिक मुद्दों पर स्पष्ट, तथ्यपूर्ण एवं संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं।
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