भोपाल के MP नगर क्षेत्र में बारिश के चलते 8–10 फीट गहरी और चौड़ी सड़क धंस गई।
इस मामले से केवल ट्रैफिक बाधित नहीं हुआ — बल्कि सरकार की लापरवाही और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
रिपोर्ट: कंचन शिवपुरिया | Buland Soch News | 18 जुलाई 2025
भोपाल में गुरुवार दोपहर अचानक सड़क धंसने से MP नगर स्थित ज्योति टॉकीज़ के पास भारी गड्ढा बन गया।
8–10 फीट गहरा और चौड़ा गड्ढा बना जिससे यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ।
बड़े हादसे होते-होते टल गया, लेकिन सवाल यही है — क्या सरकार ने इतनी पुरानी नालियों की मरम्मत में देरी करके घर-घर खतरों को बुलावा दिया?
घटना की जानकारी:
- तिथि & समय: 17 जुलाई 2025, दोपहर
- स्थान: MP नगर, ज्योति टॉकीज़ चौराहा, भोपाल
- विशेष विवरण: बारिश के कारण भूगर्भीय मलबा गिरा; सड़क में 8–10 फीट गहरा और चौड़ा गड्ढा बन गया
- क्षति: कोई घायल नहीं हुआ लेकिन आवागमन बाधित हुआ; आसपास की दुकानें व ट्रैफिक प्रभावित
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
- SDM एल.के. खरे ने कहा कि 50 साल पुरानी नाली और फुटपाथ का फ़िसलना ज़िम्मेदार है
- PWD विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और मरम्मत कार्य शुरू हुआ
- इलाके को वाहन कट-ऑफ कर बचा लिया गया; पुलिस ने भी मार्ग बदल दिया
राजनीतिक और नागरिक प्रतिक्रियाएँ:
- कांग्रेस नेता अभिनव बरोळिया ने现场 धरना देकर आरोप लगाया— “यह बेमोहतरमा सरकार की बेईमानी का उग्र证 है”
- सोशल मीडिया पर कई नागरिकों ने तस्वीरें साझा कीं, कुछ ने इसे “भोपाल की साइड इफेक्ट” तक कह दिया
पुरानी घटनाओं की यादें:
- जनवरी 2025 – GG फ्लाइओवर पर बारिश में जलभराव, डिज़ाइन खराबी और PWD अभियंताओं पर बर्खास्तगी
- 2023–24 – भोपाल में कई रोड धंसने की घटनाएँ, लेकिन कोई ठोस सुधार नहीं
- यह सिलसिला केवल भोपाल तक सीमित नहीं — नगपुर, खंडवा जैसे शहरों में भी बारिश के दौरान नालियाँ और सड़कें बर्बाद हो रहीं हैं
नागरिकों की चिंता और सवाल:
- ऐसे गड्ढे बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए सीधा खतरा बन सकते हैं
- बारिश का मौसम आया — लेकिन पुराने ढांचे की मरम्मत क्यों नहीं की गई?
- क्या सरकारी नीतियाँ सिर्फ बिगाड़ के बाद एक्स-रे होती हैं?
समाधान क्या होना चाहिए?
- 50 वर्ष से पुरानी नालियों का हेरिटेज ऑडिट — ज़रूरत पड़ने पर उन्हें हमेशा के लिए नई नालीयों से बदलना
- मॉनसून से पहले रोड अवेयरनेस प्रोग्राम शुरू करके, कमजोर स्ट्रीट को अलर्ट कराना
- नागरिक शिकायत पोर्टल में 24 घंटे में कार्यवाही अनिवार्य और ट्रैकबल होनी चाहिए
- PWD कर्मियों की जवाबदेही तय हो—जब गलती हो तो वेतन में कटौती या विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए
इस एक सड़क धंसने की घटना में सिर्फ पीतल नहीं दिखाई दे रहा —
बल्कि सालों की लापरवाही, निरीक्षण की कमी और निकम्मेपन की कहानी छुपी है।
भोपाल को दूसरे सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा मिला है — लेकिन ऐसा क्या हो गया कि एक बारिश ही इतने बड़े हादसे को आम बना गई?
Buland Soch News कहता है — इंफ्रास्ट्रक्चर सिर्फ स्लोगन नहीं, ज़िम्मेदारी भी है।
जब तक सरकार ‘मरम्मत’ को विदेश यात्राओं जितना महत्व नहीं देगी, तब तक यह खतरा हर बारिश में लौट कर आएगा।