मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नर्सिंग शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं ने विभाग के एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन छात्राओं का कहना है कि डॉक्टर लंबे समय से उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे और आपत्तिजनक व्यवहार कर रहे थे। इन घटनाओं को लेकर अस्पताल प्रशासन और नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन को कई बार मौखिक जानकारी दी गई थी, लेकिन अब छात्राओं ने सामूहिक रूप से लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। कुल मिलाकर करीब 80 छात्राओं ने इस शिकायत पर हस्ताक्षर कर मामले को आधिकारिक रूप से सामने रखा है।
छात्राओं ने आरोप लगाया है कि संबंधित डॉक्टर न सिर्फ आपत्तिजनक बातें करते थे, बल्कि उनकी गतिविधियां और नजरें भी असहज कर देने वाली थीं। कई बार वार्ड ड्यूटी के दौरान छात्राओं को मानसिक रूप से दबाव में डाला गया और उन्हें अकेले में मिलने के लिए विवश किया गया। कुछ छात्राओं ने यह भी बताया कि डॉक्टर द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की वजह से वे मानसिक तनाव से गुजर रही थीं, लेकिन डर और कार्रवाई की उम्मीद न होने के चलते अब तक चुप रहीं।
मामला उजागर होते ही अस्पताल प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए प्रारंभिक कार्रवाई की है। नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य ने तत्काल प्रभाव से छात्राओं के वार्ड में जाने पर अस्थायी रोक लगा दी है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके और छात्राओं को सुरक्षा का अहसास कराया जा सके।
वहीं, कॉलेज के डीन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एक आंतरिक जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं, जो इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
छात्राओं की ओर से कहा गया है कि अगर इस बार भी कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगी। वहीं अस्पताल प्रशासन का दावा है कि “किसी भी तरह की अनुशासनहीनता और उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
यह मामला न केवल मेडिकल शिक्षा और अस्पतालों की आंतरिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि छात्राओं को सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण देने में संस्थान किस हद तक नाकाम हो सकते हैं। लैंगिक संवेदनशीलता और आचार संहिता के प्रति लापरवाही, खासकर स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में, बेहद चिंताजनक है।
Buland Soch News इस पूरे मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है और आने वाले दिनों में जांच की प्रगति, कार्रवाई की पारदर्शिता और छात्राओं की सुरक्षा से जुड़े हर पहलू पर विस्तृत रिपोर्ट लाता रहेगा।