नई दिल्ली – भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रिजर्वेशन सिस्टम में एक बड़ा और बहुप्रतीक्षित बदलाव किया है। अब ट्रेन के प्रस्थान से 8 घंटे पहले ही रिजर्वेशन चार्ट तैयार कर दिया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी देते हुए रेलवे बोर्ड को इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
यह बदलाव यात्रियों को न केवल अधिक पारदर्शिता देगा, बल्कि वेटिंग लिस्ट में फंसे लाखों यात्रियों को राहत पहुंचाने वाला कदम साबित हो सकता है।
क्या है नया नियम?
अब तक अधिकांश ट्रेनों के लिए चार्ट दो बार बनाए जाते थे —
- पहला चार्ट ट्रेन छूटने से करीब 4 घंटे पहले,
- और दूसरा अंतिम चार्ट 30 मिनट पहले।
लेकिन इस नई व्यवस्था के तहत मुख्य चार्ट अब 8 घंटे पहले ही तैयार कर लिया जाएगा। इससे यात्रियों को अपनी टिकट की स्थिति पहले ही पता चल सकेगी, जिससे आखिरी वक्त की परेशानी से बचा जा सकेगा।
रेल मंत्रालय के अनुसार, इस प्रणाली को 1 जुलाई 2025 से देशभर में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
🧾 रेलवे बोर्ड ने क्यों सुझाया यह बदलाव?
रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने लंबे समय से यात्रियों की इस शिकायत को दर्ज किया था कि अंतिम समय में टिकट कन्फर्म होने या न होने की जानकारी मिलती है, जिससे वैकल्पिक यात्रा की योजना बनाना मुश्किल हो जाता है।
रेलवे डेटा के अनुसार, हर दिन करीब 1.3 से 1.5 करोड़ लोग भारतीय रेल से सफर करते हैं, जिनमें से लाखों यात्री वेटिंग लिस्ट में होते हैं।
इस समस्या को कम करने के लिए रेलवे ने चार्ट तैयार करने की प्रक्रिया को और पहले शिफ्ट करने का निर्णय लिया है।
✅ इससे क्या होंगे फायदे?
- 🔍 वेटिंग लिस्ट यात्रियों को जल्दी जानकारी मिलेगी – टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं, यह उन्हें कई घंटे पहले ही पता चल जाएगा।
- 🕒 वैकल्पिक योजना बनाने का अधिक समय – यदि टिकट कन्फर्म नहीं हुआ है, तो यात्री बस, फ्लाइट या दूसरी ट्रेन की योजना समय रहते बना पाएंगे।
- 📉 कैंसलेशन दर में गिरावट – जल्दी जानकारी मिलने से गैरज़रूरी बुकिंग कम होगी और सीटों का बेहतर उपयोग संभव होगा।
- 🧳 तत्काल बुकिंग को लेकर भी बदलाव – 1 जुलाई से तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में भी बदलाव प्रस्तावित हैं, जिससे यात्रियों को और विकल्प मिल सकते हैं।
📢 रेल मंत्री ने क्या कहा?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,
"यात्रियों की सुविधा हमारी प्राथमिकता है। चार्टिंग प्रक्रिया को पहले करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और अनिश्चितता कम होगी। हमने रेलवे बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि यह व्यवस्था जल्द से जल्द लागू हो और तकनीकी ढांचे को उसके अनुसार तैयार किया जाए।"
🔄 कैसे होगा चरणबद्ध क्रियान्वयन?
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह व्यवस्था पहले राजधानी, शताब्दी और प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू की जाएगी। इसके बाद धीरे-धीरे इसे सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू किया जाएगा।
प्रारंभिक चरण में उत्तर रेलवे, मध्य रेलवे और दक्षिण रेलवे ज़ोन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे लागू किया जाएगा।
📱 IRCTC वेबसाइट और ऐप पर प्रभाव
रेल मंत्रालय ने पुष्टि की है कि जैसे ही चार्ट तैयार होगा, IRCTC पोर्टल और मोबाइल ऐप पर सभी यात्रियों को अपनी टिकट की वास्तविक स्थिति देखने को मिल सकेगी।
उदाहरण के तौर पर, यदि आपकी वेटिंग लिस्ट WL/5 है और चार्ट बनने के बाद भी कन्फर्म नहीं होती है, तो यह स्थिति “वेटिंग (Confirmed नहीं)” के रूप में तुरंत दिखेगी।
वहीं, अगर टिकट कन्फर्म हो गई है, तो Coach और Seat Number के साथ विवरण भी दिखेगा।
यह विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए लाभकारी होगा जो अंतिम समय तक अपडेट चेक करते रहते हैं और भ्रमित रहते हैं कि उन्हें यात्रा करनी चाहिए या नहीं।
अब ऐप पर मिलने वाली यह पारदर्शी जानकारी यात्रियों को मानसिक तनाव और अनावश्यक कन्फर्मेशन कॉल्स से भी राहत देगी।
इसके अतिरिक्त, रेलवे सूत्रों के अनुसार, भविष्य में यह फीचर SMS और WhatsApp के माध्यम से भी यात्रियों को भेजे जाने पर विचार किया जा रहा है।रेलवे ने साफ किया है कि जैसे ही चार्ट तैयार होगा, IRCTC पोर्टल और मोबाइल ऐप पर वेटिंग यात्रियों को अपडेटेड स्थिति दिखेगी। यानी अब टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं, यह जानने के लिए अंतिम समय तक ऐप चेक करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
🛑 क्या यात्रियों को कुछ विशेष ध्यान रखना होगा?
- नई व्यवस्था के तहत चार्ट बनने के बाद यदि किसी यात्री की टिकट कन्फर्म नहीं होती है, तो उस टिकट का स्वतः रिफंड नहीं होता जब तक वह ई-टिकट नहीं है और यात्री सफर नहीं करता।
- IRCTC के नियमों के मुताबिक, यदि ई-टिकट वेटिंग में रह जाता है और यात्री ने यात्रा नहीं की है, तो स्वतः रिफंड की प्रक्रिया लागू होती है।
- लेकिन यदि काउंटर टिकट है, तो यात्री को रेलवे स्टेशन पर जाकर टिकट कैंसिल कराना होता है, तभी रिफंड मिलेगा।
- यात्री को यह भी ध्यान रखना होगा कि चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसिलेशन पर कटौती अधिक होती है, इसलिए निर्णय जल्दी लेना अब और भी ज़रूरी हो गया है।
- रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे चार्ट बनने से पहले ही यात्रा से जुड़ा निर्णय ले लें, ताकि अनावश्यक ट्रैफिक और कन्फ्यूजन से बचा जा सके।
एक बड़ा सुधारात्मक कदम
रेलवे की यह नई प्रणाली न केवल टिकटिंग प्रक्रिया को अधिक वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि यह रेलवे की डिजिटलीकरण और यात्री-केंद्रित सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
➡️ यह कदम ‘मिनिमम वेटिंग, मैक्सिमम कन्फर्मेशन’ की दिशा में उठाया गया है।
➡️ रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने बताया है कि भविष्य में रेलवे चार्टिंग से जुड़ी AI आधारित सीट अलॉटमेंट सिस्टम पर भी काम कर रहा है, ताकि टिकटों का अधिकतम और न्यायसंगत उपयोग हो सके।
यह सुधार उन लाखों यात्रियों के लिए राहत है, जो हर दिन अनिश्चितता में रहते हैं कि ट्रेन छूटने से कुछ मिनट पहले तक उनकी यात्रा तय होगी या नहीं।
यानी अब ट्रेन यात्रा सिर्फ ‘उम्मीद’ पर नहीं, ‘सटीक जानकारी’ पर निर्भर होगी।