श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भव्य महाभंडारा सम्पन्न, 5000 से अधिक शिवभक्तों ने लिया प्रसाद
📍 रीवा (मध्य प्रदेश) | रिपोर्ट: Buland Soch News डेस्क
रीवा शहर ने सावन मास के पहले सोमवार को आस्था, सेवा और सामाजिक समरसता का ऐसा भव्य संगम देखा, जो वर्षों तक श्रद्धालुओं के मन में एक सुंदर स्मृति के रूप में अंकित रहेगा। प्राचीन और लोकमान्य श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर, जो शहर के कोठी कंपाउंड क्षेत्र में स्थित है, सोमवार को श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन गया। इस पावन अवसर पर आयोजित महाभंडारे में रीवा शहर के साथ-साथ आसपास के गांवों से भी हजारों भक्त उमड़ पड़े और लगभग 5000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का पवित्र प्रसाद श्रद्धा के साथ ग्रहण किया।
सुबह 7:30 बजे से दोपहर 3 बजे तक मंदिर परिसर में आस्था की अनवरत धारा बहती रही। “हर हर महादेव”, “बोल बम”, और “जय भोलेनाथ” के जयघोषों ने मंदिर परिसर और आसपास के वातावरण को भक्तिमय ऊर्जा से भर दिया। भक्तजन शांतिपूर्वक कतारों में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे और जैसे ही प्रसाद प्राप्त करते, उनके चेहरे पर अद्वितीय संतोष और श्रद्धा की झलक दिखाई देती। यह नज़ारा केवल भोजन वितरण का नहीं था, बल्कि वह सामाजिक समरसता का जीवंत चित्रण था जिसमें जाति, वर्ग और आयु से परे हर व्यक्ति एक ही पंक्ति में खड़ा दिखाई दिया।
आयोजन की सफलता का श्रेय उन सैकड़ों स्वयंसेवकों को भी जाता है, जिन्होंने श्रद्धालुओं के लिए पानी, पंक्तिबद्ध व्यवस्था, प्राथमिक उपचार और बुज़ुर्गों व महिलाओं के लिए विशेष सुविधा जैसे अनेक कार्यों में दिनभर सेवा दी। आयोजकों ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो। मंदिर प्रांगण को पहले से स्वच्छ और सुगठित बनाया गया था, और कार्यक्रम की समाप्ति के बाद भी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया।
रीवा न्यूज़ मीडिया और गौतम लॉ एजेंसी की साझी पहल पर यह आयोजन और भी व्यवस्थित बना। आयोजकों में प्रमुख भूमिका निभाने वाले ऋतुराज द्विवेदी (रीवा न्यूज़ मीडिया) और शिवेश गौतम (गौतम लॉ एजेंसी) ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल भंडारा कराना नहीं था, बल्कि समाज में एक संदेश देना था — कि जब धर्म, सेवा और भक्ति एक साथ आते हैं, तब ही सच्चे अर्थों में शिव की कृपा प्राप्त होती है। इस आयोजन के माध्यम से उन्होंने “धर्म और समाज का मेल” दिखाया जो आज के समय में अत्यंत आवश्यक है।
मंदिर के पुरोहितों ने विशेष रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ भी करवाया, जिसमें भक्तों ने सामूहिक रूप से भाग लिया। सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी आयोजन समृद्ध रहा — स्थानीय युवाओं और बच्चों द्वारा भोलेनाथ की झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
इस आयोजन को प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी अच्छी सराहना मिली। रीवा पुलिस विभाग, नगर निगम, और अन्य स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों ने आयोजन स्थल पर विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की थी — जैसे ट्रैफिक कंट्रोल, पार्किंग, आपातकालीन सहायता और महिला सुरक्षा की दृष्टि से महिला कर्मियों की तैनाती। इस तरह प्रशासन और समाज की साझेदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि एक सफल आयोजन के लिए जब सभी पक्ष एकजुट होते हैं, तो परिणाम अत्यंत प्रभावशाली होते हैं।
श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी इस आयोजन की भव्यता को और गरिमा प्रदान करती है। स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार, यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है और माना जाता है कि यहां भोलेनाथ भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं — इसलिए इन्हें “मनकामेश्वर” कहा जाता है। सावन मास में इस मंदिर का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है, जब हजारों की संख्या में भक्तजन जलाभिषेक और विशेष पूजा के लिए पहुंचते हैं।
Buland Soch News की टीम ने इस आयोजन को मैदान से लाइव कवर किया और कई श्रद्धालुओं से बातचीत की। एक वृद्ध महिला श्रद्धालु ने कहा, “मैं हर साल यहां आती हूँ, लेकिन इस बार जैसी सेवा और व्यवस्था पहले कभी नहीं देखी। यह सच में शिव की कृपा है।” एक अन्य युवा भक्त ने बताया, “हम लोग गांव से सुबह 5 बजे निकले थे, यहां आकर मन को असीम शांति मिली।”
इस आयोजन ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को जागृत किया, बल्कि रीवा में एक बार फिर यह प्रमाणित कर दिया कि सामूहिक भक्ति और सेवा के माध्यम से सामाजिक एकता को कैसे मजबूत किया जा सकता है।
Buland Soch News इस अवसर पर भगवान शिव के चरणों में नमन करता है और आयोजन से जुड़े हर सेवक, हर आयोजक, और हर श्रद्धालु को हार्दिक बधाई देता है। यह आयोजन आने वाले सावनों के लिए एक आदर्श बनकर रहेगा, जिसमें धर्म केवल पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि सेवा, प्रेम और समाज को जोड़ने का माध्यम बनता है।
🔚 श्रद्धा जब सेवा से मिलती है, तब शिव प्रकट होते हैं — यही रीवा ने सावन सोमवार को सिद्ध कर दिखाया।
🕉 हर हर महादेव!