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ग्वालियर कमिश्नर समेत रीवा के दो पूर्व कलेक्टरों के विरुद्ध लोकायुक्त ने दर्ज की एफआईआर, जानिए पूरा मामला

आईएएस दीपक सिंह, ओपी श्रीवास्तव, बसंत कुर्रे
ग्वालियर कलेक्टर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओ पी श्रीवास्तव, उप सचिव बसन्त कुर्रे पर लोकायुक्त ने एफआईआर दर्ज की है। आदिवासियों की जमीन बिक्री करने की अनुमति देने का मामला बताया जा रहा है।

लोकायुक्त ने रीवा के पूर्व कलेक्टरों पर दर्ज की है एफआईआर

ग्वालियर कमिश्नर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओ पी श्रीवास्तव एवं उपसचिव दीपक सिंह पर दर्ज हुई है एफआईआर

बुलंदसोच प्रतिनिधि भोपाल।

लोकायुक्त पुलिस ने आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने पर तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार जब आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने पर तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर की गई है। लोकायुक्त ने ग्वालियर कमिश्रर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव और उप सचिव बसंत कुर्रे पर एफआईआर दर्ज की है। खास बात यह है कि तीनों अफसरों को लोकायुक्त ने अब तक एफआईआर दर्ज करने की सूचना तक नहीं दी है। इसके साथ ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए लोकायुक्त जबलपुर को भेजा गया है।

आदिवासियों की जमीन को बेचने की अनुमति इन्होंने दी थी

दरअसल साल 2007 से 2012 के बीच ग्वालियर कमिश्रर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव और उप सचिव बसत कुर्रे जबलपुर में बतौर एडीएम पदस्थ थे। जबलपुर के कुंडम इलोक मे आदिवासियों की जमीन को बेचने की अनुमति इन्होंने दी थी। मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता के अनुसार आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति कलेक्टर द्वारा ही दी जा सकती है। तत्कालीन कलेक्टरो ने जमीन बेचने की अनुमति देने के अधिकार एडीएम को दे रखे थे। इस मामले में एक शिकायत जबलपुर कलेक्टर को हुई थी। शिकायत के आधार मौजूदा एडीएम शेर सिंह मीणा ने जांच कर प्रतिवेदन जबलपुर लोकायुक्त को दिया था। इसी के आधार लोकायुक्त ने एफआईआर दर्ज कर ली