BMC BHOPAL:अवैध निर्माण कर खड़ी कर दी बिल्डिंग, निगम अमले को जानकारी के बाद भी शिकायत का इंतजार

एमपीनगर जोन 2 का मामला: एक अवैध बिल्डिंग बन कर तैयार, दूसरी निर्माणाधीन
किसी भी व्यावसायिक या आवासीय भवन निर्माण हेतु नगर निगम से इसकी अनुमति लेना एवं मानचित्र स्वीकृति कराना अनिवार्य होता है। स्वीकृति मानचित्र के अनुसार ही निर्माण कार्य कराया जाता है। आवासीय भवन निर्माण में भी भवन के चारों ओर खुला क्षेत्र छोड़ना होता है वहीं व्यावसायिक निर्माण में भवन के चारों ओर खुला क्षेत्र छोड़ने के साथ साथ पार्किंग, सीवरेज, फायर सेफ्टी इत्यादि की भी व्यवस्था करनी होती है।
बुलंदसोच नप्र भोपाल।
नगर निगम के अधिकारी अवैध निर्माण करने वालों को स्वयं ही संरक्षण प्रदान किये हुए हैं। एमपी नगर जोन 2 में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत जाकर एक बहु मंजिल व्यावसायिक भवन बन कर तैयार हो गया है, तो वहीं दूसरा व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स निर्माणाधीन है। इसकी जानकारी नगर निगम के भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारियों को होने के बाद भी इन्हें शिकायत का इंतजार है।
दरअसल किसी भी व्यावसायिक या आवासीय भवन निर्माण हेतु नगर निगम से इसकी अनुमति लेना एवं मानचित्र स्वीकृति कराना अनिवार्य होता है। स्वीकृति मानचित्र के अनुसार ही निर्माण कार्य कराया जाता है। आवासीय भवन निर्माण में भी भवन के चारों ओर खुला क्षेत्र छोड़ना होता है वहीं व्यावसायिक निर्माण में भवन के चारों ओर खुला क्षेत्र छोड़ने के साथ साथ पार्किंग, सीवरेज, फायर सेफ्टी इत्यादि की भी व्यवस्था करनी होती है। एमपी नगर जोन क्रमांक 2 में एलन कोचिंग के बगल में स्वीकृति मानचित्र के विपरीत व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स खड़ा कर दिया गया है तो वहीं थोड़ा आगे जाने पर बोंड क्लासेस के बगल में अवैध निर्माण जारी है। इस सम्बंध में भवन अनुज्ञा शाखा के कार्यपालन यंत्री से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें जानकारी है लेकिन शिकायत मिलेगी तो ही कार्यवाही की जाएगी।
शिकायत के इंतजार में ही बन जाती हैं अवैध बिल्डिंग
अधिकारियों को हमेशा ही शिकायत का इंतजार रहता है। यह कार्यवाही न करने का बहाना होता है। ऐसे जवाबों से तो सीधा सा मतलब होता है कि ये अधिकारी ही अवैध निर्माण करने वालों, अतिक्रमण करने वालों को संरक्षण प्रदान किये हुए हैं। शिकायत का इंतजार होने के कारण ही भोपाल शहर में चारों ओर अतिक्रमण हो चुका है, साथ ही अवैध निर्माण कार्य जारी हैं। आयुक्त हरेंद्र नारायण भी ऐसे लापरवाह निगम अमले के सामने लाचार साबित हो रहे हैं।