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दस्तावेज नहीं मिलने पर अधिकारियों पर भड़के मंत्री पटेल, कहा कि हम भी भारत सरकार से आए हैं, हमें ज्ञान मत बताओ

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  1. पीथमपुर में अस्पताल निर्माण एवं संचालन की कार्रवाई एक माह में पूरी करने के निर्देश

  2. सतना, मंडीदीप एवं जबलपुर में श्रमिकों के लिए अस्पताल निर्माण का प्रस्ताव करें तैयार

  3. पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल हुए नाराज, बोले-दोबारा मत करना


मध्‍य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल को अधिकारियों की एक गलती से गुस्‍सा आ गया। वे जिन कागजों को देख रहे थे वे क्रमवार जमे हुए नहीं थे। इस पर वे नाराज होकर बोले कि मुझे कागज देखने की आदत आपसे ज्‍यादा है।

बुलंद सोच प्रतिनिधि ।

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल की अध्यक्षता में गुरुवार को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार क्षेत्रीय परिषद कर्मचारी राज्य बीमा निगम मप्र की 90वीं क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई। इसमें सही क्रम में दस्तावेज नहीं मिलने पर मंत्री पटेल अधिकारियों पर भड़क गए। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि हम भी भारत सरकार से आए हैं, हमें ज्ञान मत बताओ।

दरअसल, बैठक में एक एजेंडा के दस्तावेज मंत्री के सामने अधिकारियों द्वारा रखे गए। ये दस्तावेज सही क्रम में नहीं थे। इस पर उन्होंने कहा कि दोबारा मुझे ऐसे दस्तावेज मत देना। इसके बाद एक कर्मचारी उन्हें एजेंडा बताने लगा, लेकिन उसका दस्तावेज नजर नहीं आया। इस पर मंत्री कहने लगे- इसे कहां खोजेंगे। इसे पुस्तक डायरी बना दिया है। फाइल में फ्लैग नहीं है, एजेंडा नंबर नहीं है।

राज्य बीमा निगम में ऐसा ही ढर्रा चला तो फिर ठीक नहीं है। मुझे आपसे ज्यादा कागज देखने की आदत है, सही क्रम में कागज देखने की आदत डालिए। बता दें कि यह पहली बार था जब मंत्री पटेल क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल हुए थे।उन्होंने पीथमपुर में लंबे समय से चल रहे अस्पताल निर्माण एवं संचालन प्रारंभ करने की प्रक्रिया को समय सीमा में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अब ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। एक माह में यह प्रक्रिया पूरी हो जाए, ताकि यहां इलाज की सुविधाएं मिलने लगे।

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बैठक में प्रमुख सचिव श्रम विभाग एवं क्षेत्रीय परिषद उपाध्यक्ष सचिन सिन्हा, श्रम आयुक्त एस धनराजू, क्षेत्रीय निदेशक एवं सदस्य सचिव क्षेत्रीय परिषद एम रूबानी, सहायक संचालक नटवर शारदा, राज्य चिकित्सा अधिकारी मनीष मालवीय आदि मौजूद थे।

मंत्री ने ये निर्देश भी दिए

  • सतना, मंडीदीप एवं जबलपुर में अस्पताल निर्माण के प्रस्ताव तैयार करें।
  • जो अस्पताल एवं डिस्पेंसरियां संचालित हैं, उन्हें अपग्रेड किया जाए।
  • अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं, जिससे मरीजों को रेफर नहीं करना पड़े।
  • निगम के पास उपलब्ध अपनी रिक्त पड़ी जमीन पर अस्पताल और डिस्पेंसरी निर्माण के प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को प्रस्तुत करें।
  • इंडस्ट्रीयल कारिडोर के मद्देनजर रतलाम में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान किए जाने के लिए 50 बिस्तर के अस्पताल का प्रस्ताव तैयार करें।
  • कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय सोनगिरी भोपाल में ईएसआइएस अस्पताल परिसर में जीर्णशीर्ण आवासीय भवनों को खाली कराएं।
  • सोनगिरी में एंबुलेंस खरीदने में लेटलतीफी पर समय सीमा में प्रगति सुनिश्चित करने के लिए कहा।
  • प्रदेश के नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्रों में कर्मचारियों के अधिक से अधिक पंजीयन करवाएं।

पीथमपुर से इंदौर आना पड़ता है इलाज के लिए

जानकारी के अनुसार पीथमपुर में करीब 92,500 मजदूरों का ईएसआइसी का पैसा काटा जाता है, लेकिन उन्हें इलाज के लिए 30-40 किमी दूर इंदौर के नंदानगर आना पड़ता है। इसकी कई बार शिकायत भी हो चुकी है। इसमें बताया गया कि कई बार मजदूरों को सही इलाज नहीं मिलने पर जान चली जाती है। पीथमपुर में 100 बेड अस्पताल के लिए कई सालों से जमीन दी गई है। कई बार टेंडर भी जारी हुए, लेकिन इसका निर्माण नहीं हो पाया।

औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की समीक्षा

मंत्री पटेल की अध्यक्षता में मप्र राज्य श्रम आयुक्त संगठन की बैठक आयोजित हुई। इसमें उन्होंने प्रदेशभर में श्रम कार्यालय में पदस्थ अधिकारी, स्टाफ की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि मैदानी स्तर पर स्टाफ की पूर्ति करते हुए योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन करें।