नगर परिषद मऊगंज में आउटसोर्स कर्मियों से कराए जा रहे संवेदनशील वित्तीय कार्यों ने पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। पूर्व में ₹13 लाख से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आ चुका है, जिसकी अब तक न जांच हुई, न वसूली।
Buland Soch Digital Desk | 23 जुलाई 2025
रीवा जिले के मऊगंज नगर परिषद से एक बार फिर चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, नगर परिषद अध्यक्ष बृजवासी पटेल की सिफारिश पर एक आउटसोर्स कर्मचारी को वित्त विभाग की पूरी ज़िम्मेदारी सौंप दी गई है। यह वही विभाग है जहाँ से नगर परिषद के लाखों-करोड़ों रुपये का लेन-देन होता है। आश्चर्यजनक रूप से, इस कर्मचारी के पास मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) महेश पटेल की SIM भी है, जिससे विभागीय OTP और पासवर्ड संबंधित संदेश आते हैं।
काउंट विभाग – आउटसोर्स हाथों में!
मऊगंज नगर परिषद में एकाउंट सेक्शन का संचालन किसी नियमित या प्रशिक्षित सरकारी अधिकारी के बजाय एक बाहरी आउटसोर्स कर्मचारी के हाथों में सौंप दिया गया है।
- यह व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है।
- ना ही उसके पास वित्तीय प्रशासन का कोई वैध प्रशिक्षण प्रमाणित है।
- इसके बावजूद, इसे पूरे नगर परिषद की वित्तीय प्रक्रिया – बिल भुगतान, फंड ट्रांसफर, बैंक संचालन – जैसे संवेदनशील कार्यों की सीधी पहुंच प्राप्त है।
CMO की सिम – आउटसोर्स कर्मचारी के पास!
मामला तब और गंभीर हो जाता है जब यह सामने आता है कि CMO महेश पटेल की आधिकारिक SIM कार्ड उसी कर्मचारी के पास है।
- इससे जुड़े OTP, पासवर्ड और लेन-देन की संवेदनशील जानकारी उसी कर्मचारी के मोबाइल पर जा रही है।
- यह डेटा सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता का खुला उल्लंघन माना जा रहा है।
13 लाख की पुरानी धोखाधड़ी अब तक अनसुलझी
यह कोई पहला मामला नहीं है जब नगर परिषद मऊगंज में आर्थिक गड़बड़ी सामने आई हो।
कुछ वर्ष पूर्व एक संविदा कर्मचारी ने ₹13 लाख से अधिक की वित्तीय धोखाधड़ी की थी, जिसकी न:
- कोई जांच पूरी हुई,
- न ही रकम की वसूली।
- और न ही दोषी पर कोई कानूनी कार्रवाई हुई।
यह मामला आज भी ठंडे बस्ते में है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
मऊगंज के जागरूक नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है।
- उनका कहना है कि नगर परिषद की आंतरिक लापरवाही, CMO और अध्यक्ष की मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है।
- नागरिकों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विश्लेषण:
मऊगंज नगर परिषद में हो रही वित्तीय लापरवाही न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि यह जनता के विश्वास का भी गंभीर उल्लंघन है।
एकाउंट विभाग जैसे संवेदनशील हिस्से को किसी बाहरी व्यक्ति के हाथों सौंप देना, और पुराने घोटाले की अनदेखी — यह बताता है कि सिस्टम में कहीं न कहीं गहरी चूक या साजिश है।
अब देखना है कि क्या CMO महेश पटेल इस पूरे मामले पर जवाब देंगे या फिर यह भ्रष्टाचार यूं ही “आउटसोर्स” होता रहेगा?