प्रकाशन तिथि: 18 जून 2025
स्थान: भोपाल, मध्य प्रदेश
ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद), जो दशकों से छात्रहित और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाता आया है, ने हाल ही में अपने एक पूर्व संगठन मंत्री, भगवान सिंह मेवाड़ा, पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर तत्काल जांच शुरू करने का निर्णय लिया है।
🛡 संगठन की प्राथमिकता: नैतिकता, पारदर्शिता और अनुशासन
ABVP का यह स्पष्ट मत है कि संगठन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति यदि नैतिक और कानूनी रूप से दोषी पाया जाता है, तो उस पर संगठन में कोई स्थान नहीं है।
संगठन का यह उद्देश्य हमेशा रहा है कि राष्ट्र निर्माण की यह विद्यार्थी यात्रा सत्य, सेवा और सद्भाव के मूल स्तंभों पर टिकी रहे।
📣 क्या है मामला?
भोपाल में एक आदिवासी छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप में भगवान सिंह मेवाड़ा का नाम सामने आया है, जो पहले संगठन मंत्री के पद पर रह चुके हैं।
परिवार द्वारा पुलिस से की गई शिकायतों के बाद इस विषय ने व्यापक जनचर्चा का रूप लिया है। ABVP ने मामले की गंभीरता को समझते हुए, संगठन की आंतरिक अनुशासन समिति को इस पर कार्रवाई हेतु सक्रिय कर दिया है।
🔍 ABVP का स्टैंड:
“ABVP का कोई भी कार्यकर्ता, चाहे वह किसी भी पद पर हो, यदि विद्यार्थी या समाज के विश्वास को तोड़ता है, तो संगठन उसके साथ खड़ा नहीं हो सकता। हम न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और साथ ही संगठन की पवित्रता बनाए रखने के लिए तत्पर हैं।”
— ABVP केंद्रीय कार्यकारिणी की ओर से बयान
⚖ संगठन ने उठाए कदम:
आरोपी के संगठन से जुड़ी सभी भूमिकाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित की गईं
आंतरिक अनुशासन समिति द्वारा स्वतंत्र जांच शुरू
पीड़िता के परिवार से संवाद की पहल
स्थानीय प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग
🧭 ABVP की अपील:
संगठन समस्त कार्यकर्ताओं, पूर्व सदस्यों और समाज से अपील करता है कि किसी भी अपराध को व्यक्तिगत कृत्य मानें, न कि संस्था की विचारधारा का प्रतिबिंब।
संगठन उन चंद लोगों के कारण कलंकित नहीं हो सकता, जो संगठन की आड़ में अपनी महत्वाकांक्षा या विकृति को छुपाते हैं।
✍ समाप्ति:
ABVP का यह संकल्प है कि वह विद्यार्थी, समाज और संविधान — तीनों के प्रति अपनी निष्ठा को कभी नहीं डिगने देगा। भगवान सिंह मेवाड़ा पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई से ABVP यही दिखाना चाहता है कि संगठन व्यक्ति से बड़ा है — और सच्चाई से कोई समझौता नहीं।