Saturday, November 8, 2025
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भोपाल में ANM वर्कर्स का उग्र प्रदर्शन: कोर्ट के आदेश के बावजूद नौकरी से निकाले जाने पर फूटा गुस्सा

जेपी अस्पताल परिसर में तीसरे दिन भी ANM कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद बहाल न किए जाने पर सवाल उठाए। बारिश और गर्मी के बीच कई महिला स्वास्थ्यकर्मियों की तबीयत बिगड़ी। सरकार से न्याय की मांग।

By Buland Soch News Team | 2 अगस्त 2025, भोपाल

भोपाल — राजधानी के जेपी अस्पताल परिसर में बीते तीन दिनों से संविदा आधार पर काम कर चुकीं सैकड़ों ANM (सहायक नर्सिंग मिडवाइफ) महिला कर्मी विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इन महिलाओं को हाल ही में सेवा से बाहर कर दिया गया, जबकि हाईकोर्ट ने 31 जुलाई को एक आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि इन कर्मियों को हटाया नहीं जाए।

👉 क्यों हो रहा है प्रदर्शन? (Why)

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का आरोप है कि न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें जबरन बाहर कर दिया। इनका दावा है कि वे कई वर्षों से संविदा पर काम कर रही थीं और अब अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिससे उनके और उनके परिवारों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है।

प्रदर्शन की तस्वीरें: जमीन पर बैठीं महिलाएं, भीगतीं रहीं बारिश में

प्रदर्शनस्थल पर न तो पीने का पानी उपलब्ध था और न ही शौचालय की सुविधा। कुछ महिलाओं की तबीयत बिगड़ने की सूचना है, जिन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए कि उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।

कब और कहां हो रहा है प्रदर्शन? (When & Where)

यह विरोध प्रदर्शन भोपाल के जेपी अस्पताल परिसर में 31 जुलाई से लगातार चल रहा है। शुक्रवार को तीसरे दिन भी महिलाएं वहीं डटी रहीं।

कौन-कौन हैं प्रदर्शन में शामिल? (Who)

इस प्रदर्शन में मध्यप्रदेश भर से आईं लगभग 250 से अधिक संविदा ANM वर्कर्स शामिल हैं, जो वर्षों से महिला एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत थीं।

क्या कहती हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें? (What)

प्रदर्शनकारी महिलाओं की प्रमुख मांगें हैं:

  • कोर्ट के आदेश का तत्काल पालन हो
  • सभी निकाली गई ANM वर्कर्स को सेवा में बहाल किया जाए
  • स्थायी रोजगार की गारंटी दी जाए
  • प्रदर्शनस्थल पर मूलभूत सुविधाएं दी जाएं

क्या बोले प्रदर्शन में शामिल ANM वर्कर्स?

शांति बाई, शिवपुरी से आई एक वर्कर ने कहा,

“हमने पूरे कोविड काल में जान जोखिम में डालकर काम किया। अब जब सेवा स्थायी होने की उम्मीद थी, हमें निकाल दिया गया।”

कविता यादव, राजगढ़ की एक ANM कहती हैं,

“सरकार सिर्फ घोषणा करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है। हमें इंसाफ चाहिए, भीख नहीं।”

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया? (What Officials Say)

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ तकनीकी त्रुटियाँ हैं, जिनकी जांच की जा रही है। वहीं, सरकार की ओर से कोई औपचारिक बयान अब तक सामने नहीं आया है।

भोपाल में ANM महिला स्वास्थ्यकर्मियों का यह प्रदर्शन न केवल रोजगार के सवालों को उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि संविदा कर्मचारियों की स्थिरता और न्याय की मांग किस हद तक उपेक्षित की जा रही है। यदि प्रशासन और सरकार शीघ्र हस्तक्षेप नहीं करती, तो यह प्रदर्शन प्रदेशभर में एक बड़ा आंदोलन बन सकता है।

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