राजधानी भोपाल में सड़कें लापरवाही का शिकार — गुरुवार को भरा गड्ढा शुक्रवार को फिर खुला, पटेल नगर में बस धंसने से मचा हड़कंप
विशेष संवाददाता | भोपाल | 19 जुलाई 2025
भोपाल की सड़कें मानो जनता की परीक्षा लेने पर उतारू हैं।
एमपी नगर से लेकर पटेल नगर तक — हर दिन किसी न किसी गड्ढे की खबर सामने आना अब आम बात हो गई है।
गुरुवार को एमपी नगर में भरा गया गड्ढा शुक्रवार को फिर धंस गया और बस फंस गई।
जनता पूछ रही है — आखिर कितनी बार जिंदगियां दांव पर लगेंगी, तब जागेगा सिस्टम?
ताजा मामला — पटेल नगर में बस फंसी
- शुक्रवार सुबह पटेल नगर में नगर निगम की सिटी बस सवारियों से भरी हुई थी।
- अचानक बीच सड़क में सड़क धंसी और बस का पहिया उसमें धंस गया।
- यात्री बाल-बाल बचे, लेकिन आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई।
🏗️ PWD का रवैया — सिर्फ “मौके पर टीम भेजी गई” तक सीमित
- PWD हर घटना के बाद यही कहता है — “टीम मौके पर भेज दी गई है”।
- गुरुवार रात एमपी नगर में भी यही हुआ था — गड्ढा भरा गया, लेकिन अगले दिन फिर धंस गया।
- सड़कें ठीक करने की बजाय “जुगाड़ मरम्मत” का चलन — जनता के साथ मजाक।
🔎 भोपाल की सड़कें — आंकड़ों की कहानी
- बीते 6 महीने में 66 किलोमीटर सड़कें बनीं — लेकिन गुणवत्ता पर कोई निगरानी नहीं।
- 2024 में कोलार रोड पर सड़क धंसने से स्कूल बस हादसे का शिकार हुई थी।
- 2023 में टीटी नगर में बाइक सवार हादसे में घायल — अब 2025 में फिर वही कहानी।
🏛️ कौन लेगा जिम्मेदारी?
- नगर निगम, PWD और स्मार्ट सिटी मिशन — तीनों विभाग जिम्मेदारी टालते नजर आते हैं।
- जनता सवाल कर रही है — “आखिर सड़कें बनती किसके लिए हैं?”
- क्या ये हादसे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं?
नागरिकों का नजरिया — भरोसे की सड़कों से डर की सड़कों तक
- पटेल नगर निवासी ने कहा — “यहां सड़क नहीं, मौत का ट्रैप बिछा है!”
- एक यात्री बोला — “हर हफ्ते सड़क धंसने की खबर आना शर्मनाक है!”
- व्यापारियों ने कहा — “सड़कें खराब होने से व्यापार भी चौपट हो रहा है।”
कई सवाल — कोई जवाब नहीं
- क्या सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार हो रहा है?
- गुणवत्ता की जांच कौन कर रहा है?
- कब बदलेगा ये ‘ढाक के तीन पात’ वाला सिस्टम?
भोपाल की सड़कें सिस्टम की पोल खोल रही हैं।
यह केवल गड्ढों की नहीं, सिस्टम में पड़ी दरारों की कहानी है।
समय रहते सरकार और जिम्मेदारों को जगना होगा —
वरना भोपाल की सड़कें सिर्फ खबरों में ही नहीं, जनआक्रोश में भी घसीटी जाएंगी।
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