📍 स्थान: रीवा-मऊगंज-बनारस
✍ रिपोर्ट: बुलंद सच ब्यूरो
🔥 “देव” के बाद अब “देवी” की एंट्री!
रीवा जिले में शिक्षा विभाग की कुर्सियों पर बैठे अधिकारियों की कलाकारी दिन-ब-दिन नए कीर्तिमान बना रही है। DEO साहब के चर्चित घोटाले की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि अब एक नया नाम उभर कर सामने आया है — BEO आकांक्षा सोनी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी।
इस बार मामला है ट्रांसपोर्ट का… लेकिन ‘ट्रांसफर ऑफ लॉजिक’ वाला ट्रांसपोर्ट!
🚨 मैडम की “Multiply मैजिक” — जब किलोमीटर भी शर्मिंदा हो गया!
सूत्रों के अनुसार मैडम द्वारा बिना किसी अनुमति, टेंडर या विभागीय आदेश के निजी गाड़ी हायर की गई। हैरानी की बात ये कि —
📌 रीवा से मऊगंज की दूरी: ~70 किमी
📌 मऊगंज से बनारस: ~120 किमी
लेकिन बिल बने ऐसे कि गणित भी झूठा लगे।
70 × 2 = 140,
120 × 2 = 240,
कुल जोड़: स्पेस ट्रिप वाला बजट!
और पेमेंट?
ऑन द स्पॉट अप्रूवल,
ऑन द स्पॉट साइन,
ऑन द स्पॉट पास!
📃 नियमों की बलि, साइन की मलाई
कोई प्रस्ताव नहीं
कोई समाचार विज्ञापन नहीं
कोई बोर्ड मीटिंग या विभागीय दस्तावेज नहीं
लेकिन गाड़ी पास ✅, बिल पास ✅, साइन पास ✅
और सवाल पूछने वाला कोई नहीं…!
🧾 नोटशीट या नोटबंदी का कागज?
मैडम द्वारा बनाई गई नोटशीट्स को देखकर अनुभवी अधिकारी भी हैरान हैं।
बिना किसी तर्क के, बिना विभागीय स्वीकृति के,
कागज़ पर घोटाला इतना साफ-साफ कि बच्चा भी समझ जाए!
क्लर्कों का कहना है, “इतनी तेजी से तो UPSC की तैयारी भी नहीं होती, जितनी तेजी से इन्होंने नियम बना-तोड़ कर अपना रास्ता बना लिया।”
🪑 मैडम की आंखें अब deo की कुर्सी पर?
विभागीय सूत्रों की मानें तो आकांक्षा मैडम अब खुद को deo से कम नहीं मानतीं।
“सिस्टम को चुप कराके, नोटशीट को ज़ोर से चलाके,
जैसे अब वो सीधा मुख्यालय की ओर उड़ान भरने को तैयार हैं।”
❓ घोटाला या मासूमियत?
अब सवाल जनता का —
क्या यह अनजाने में हुआ ‘अप्रोसेस्ड’ काम है या प्लानिंग के साथ किया गया आर्थिक हमला?
जवाब वही जानें जो साइन कर रहे हैं…
लेकिन जनता सब देख रही है।
📌 मुख्य बिंदु (Quick Highlights)
✅ बिना प्रस्ताव और टेंडर के प्राइवेट गाड़ी हायर
✅ दूरी को Multiply कर बिल बढ़ाया
✅ विभागीय दस्तावेज़ों की भारी गड़बड़ी
✅ ऑडिट और जांच से पहले ही सारे दस्तावेज़ पास
✅ सूत्र: मैडम की नजर अब ऊपरी कुर्सियों पर
🔴 जनता से सवाल
क्या ये सिर्फ शुरुआत है?
या आने वाले दिनों में और “Multiply घोटाले” उजागर हो