रिपोर्ट: Buland Soch News डेस्क | तारीख: 26 जुलाई 2025 | स्थान: रीवा, मध्यप्रदेश
एक घटना, कई सवाल — और एक विधायक जो खुद ‘कानून’ बन बैठा?
रीवा, जिसे विंध्य की न्यायभूमि कहा जाता है — वहाँ आज न्याय खुद सवालों के घेरे में है। कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा एक बार फिर विवादों में हैं, और इस बार मामला एक गंभीर आपराधिक आरोप का है।
आरोप है कि विधायक ने अपने ही कर्मचारी को बुरी तरह पीटा, सिर्फ इसलिए कि उसने अपना बकाया वेतन मांग लिया था।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित युवक का नाम है अभिषेक तिवारी, जो कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के फार्महाउस में बतौर कर्मचारी कार्यरत था।
जब उसने अपने वेतन की मांग की, तो उसे फार्महाउस बुलाया गया। वहां पर कथित रूप से विधायक ने पहले खुद उसे पीटा, फिर अपने साथियों से लाठी-डंडों से पिटवाया।
“मुझे बस अपना मेहनताना चाहिए था… लेकिन मुझे ऐसे मारा गया जैसे मैं चोर हूं।”
— पीड़ित अभिषेक तिवारी (बयान, Buland Soch News को)
घायल का शरीर और सोशल मीडिया — दोनों गवाही दे रहे हैं
अभिषेक की पीठ और हाथों पर गहरे नीले निशान हैं।
वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
इस पूरे मामले ने जनता में गुस्सा और सिस्टम पर अविश्वास पैदा कर दिया है।
पुलिस की चुप्पी, CSP रितु उपाध्याय पर सवाल
घटना के बाद अभिषेक चोरहटा थाना पहुँचा — लेकिन वहां से FIR दर्ज नहीं की गई।
क्यों? क्योंकि मामला विधायक से जुड़ा था।
थाने में ड्यूटी पर मौजूद CSP रितु उपाध्याय से जब जवाब मांगा गया, तो उन्होंने सिर्फ फॉर्मेलिटी दिखाई, और FIR को टालती रहीं।
“क्या CSP जनता की पुलिस हैं या विधायक की?”
— सवाल उठा रहे हैं सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक
जब सत्ता पक्ष को ही लड़ना पड़े पुलिस से…
घायल युवक को जब थाने में भी मदद नहीं मिली, तो सामने आए पूर्व विधायक और वर्तमान सत्ता पक्ष के नेता के.पी. त्रिपाठी।
वो खुद पीड़ित को लेकर थाने पहुँचे, सुबूत और मेडिकल रिपोर्ट थाने में रखी, और FIR की मांग की।
थाने में CSP से तीखी बहस हुई, पुलिस अनमनी रही — लेकिन अंततः देर रात FIR दर्ज हुई।
“यह FIR नहीं, विधायक की इज्जत का मेकअप है… मामूली धाराओं में केस दर्ज किया गया।”
— के.पी. त्रिपाठी
अभय मिश्रा का फार्महाउस — विवादों का पुराना अड्डा?
यह पहला मौका नहीं है जब अभय मिश्रा का नाम विवादों से जुड़ा हो:
- 2023 में शराब माफियाओं की पार्टी का वीडियो वायरल
- 2024 में फार्महाउस पर लठैतों की तैनाती की शिकायत
- अब 2025 में कर्मचारी की पिटाई और FIR से बचाव का मामला
हर बार मामला शांत हो जाता है। लेकिन इस बार जनता भी जागी है — और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर रही है, #JusticeForAbhishek ट्रेंड करने लगा है।
सोशल मीडिया पर बवाल, जनता के सवाल
लोग पूछ रहे हैं:
- विधायक के खिलाफ FIR दर्ज करने में पुलिस डरती क्यों है?
- क्या CSP रितु उपाध्याय को राजनीतिक दबाव में काम करना पड़ रहा है?
- क्या विधायक के फार्महाउस में कानून प्रवेश नहीं कर सकता?
👤 एक यूज़र ने लिखा:
“जब सत्ता पक्ष को भी पुलिस से भिड़ना पड़े, तो समझिए मामला गंभीर है!”
निष्कर्ष: अब भी चुप रहा गया तो…
Buland Soch News की रिपोर्टिंग का उद्देश्य सिर्फ घटना बताना नहीं, प्रशासन को जगाना भी है।
इस रिपोर्ट के ज़रिए हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं —
चुप्पी अब अपराध है, और सत्ता के लोगों को भी अब समझना होगा कि जनता की नज़रों में उनका असली चेहरा सामने आ चुका है।