सेवादारों पर मारपीट और जबरन एंबुलेंस में बैठाने के आरोप, पुलिस जांच में जुटी | वायरल वीडियो ने उठाए सवाल
By Buland Soch Digital Desk | 2 अगस्त 2025 | छतरपुर, मध्यप्रदेश
छतरपुर के प्रसिद्ध बागेश्वर धाम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार कारण है एक वायरल वीडियो, जिसमें कुछ महिलाएं सेवादारों पर अपहरण और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाती दिख रही हैं। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
28 जुलाई 2025 की रात, मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र में कॉल 100 पर सूचना मिली कि एक एंबुलेंस में 12 से 13 महिलाओं को जबरन कहीं ले जाया जा रहा है।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पठा चौकी क्षेत्र में एंबुलेंस को रोका और सभी महिलाओं को लवकुशनगर थाने लाया गया।
तभी एक वीडियो सामने आता है, जिसमें महिलाएं रोते हुए कहती हैं कि उन्हें बाल पकड़कर खींचा गया, पेट में लात मारी गई, और धमकी दी गई—”नहीं गईं तो काटकर फेंक देंगे।” इन महिलाओं का आरोप है कि बागेश्वर धाम की महिला सेवादार ‘मिनी’ और अन्य लोगों ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाया।
पुलिस का क्या कहना है?
लवकुशनगर SDOP नवीन दुबे ने मीडिया को बताया कि—
“महिलाओं को ले जाने वाली एंबुलेंस बागेश्वर धाम समिति की थी। शुरुआती जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महिलाओं को महोबा रेलवे स्टेशन तक छोड़ा जा रहा था। हालांकि, वायरल वीडियो की गंभीरता को देखते हुए हर पहलु की गहन जांच की जा रही है।”
महिलाओं के बयान दर्ज कर लिए गए हैं, और परिवारजनों को सूचित कर दिया गया है। मामले में अभी तक किसी भी पक्ष ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन मेडिकल जांच और बयान के आधार पर FIR की संभावना जताई जा रही है।
धाम समिति का पक्ष
बागेश्वर धाम के एक प्रवक्ता ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि—
“जिन महिलाओं को एंबुलेंस से भेजा जा रहा था, वे कुछ दिनों से धाम परिसर में अनुशासनहीनता और चोरी जैसी गतिविधियों में शामिल पाई गई थीं। उन्हें वापस उनके गंतव्य स्थान पर भेजा जा रहा था। किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की गई।”
हालांकि अब तक बागेश्वर धाम की ओर से कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है।
सोशल मीडिया पर बंटा जनमत
वायरल वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।
कुछ लोग इसे मानव तस्करी से जोड़कर देख रहे हैं, तो वहीं कई यूजर्स इसे बागेश्वर धाम की छवि को धूमिल करने की साजिश बता रहे हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत ने ट्वीट किया:
“अगर यह मानव तस्करी का मामला साबित होता है, तो दोषियों को फांसी होनी चाहिए।”
हालांकि पुलिस ने किसी भी अफवाह पर भरोसा न करने की अपील की है।
- क्या इन महिलाओं को सच में जबरन ले जाया जा रहा था?
- बागेश्वर धाम का क्या दायित्व बनता है?
- पुलिस किस निष्कर्ष पर पहुंचेगी और क्या FIR दर्ज होगी?
- इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन की भूमिका क्या रही?
फिलहाल मामले की जांच जारी है। पुलिस सभी पक्षों के बयान दर्ज कर रही है, मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है, और वायरल वीडियो की सत्यता भी तकनीकी रूप से परखी जा रही है।
बागेश्वर धाम की प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में बने जनमत के बीच यह घटना बड़ा सवाल खड़ा करती है कि भक्ति स्थलों में अनुशासन और मानवाधिकार की रेखा कहां खींची जाए।
बुलंद सोच न्यूज़ इस मामले पर आगे भी अपडेट देता रहेगा।


