Saturday, June 21, 2025
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“JD नगरीय प्रशासन मंडलोई मॉडल: रिश्वत में QR कोड, बाबू बना ब्रांड एंबेसडर!”

रीवा/भोपाल से बुलंद सोच विशेष संवाददाता
मध्यप्रदेश का नगरीय प्रशासन विभाग आजकल ई-गवर्नेंस के नए अध्याय में प्रवेश कर चुका है — लेकिन सरकार की परिकल्पना से थोड़ा हटकर। यहां ‘डिजिटल इंडिया’ का मतलब है – PhonePe से रिश्वत, और ‘प्रशासनिक सुधार’ का अर्थ है – समयमान वेतन के बदले तय “UPI शुल्क”।

मुख्य संचालक मंडलोई साहब – घूस के डिजिटल युग के अग्रदूत!
विभाग के संयुक्त संचालक आर.एस. मंडलोई, जिन्हें अब आम भाषा में JD साहब कहा जाता है, ने प्रशासनिक व्यवस्था में एक क्रांतिकारी व्यवस्था लागू की है – ‘घूस का ऑनलाइन ऑटोमेशन’!
कर्मचारी अगर समयमान वेतनमान पाना चाहते हैं, तो उन्हें योग्यता या सेवा अनुभव नहीं, बल्कि बाबू माताप्रसाद जाटव के QR कोड की जरूरत है।

हमारे पास सबूत हैं, JD के पास जाटव हैं
बुलंद सोच के संवाददाता को माताप्रसाद जाटव द्वारा 5000 रुपये की PhonePe ट्रांजैक्शन रसीद प्राप्त हुई है, जिसे वे गर्व से विभागीय “प्रमाण पत्र” मानते हैं। पूछे जाने पर जाटव बाबू बोले –
“साहब के आदेश पर वसूली हुई है। जरूरत पड़ी तो शपथ पत्र दे दूँगा, मैं अकेला नहीं था, मैं तो सिर्फ ‘UPI माध्यम’ हूं।”

JD डायरी: जब ‘जमा-डेली’ बनी विभाग की धर्मगाथा!
सूत्रों के अनुसार रीवा संभाग की नगरपालिकाओं से हर माह वसूली की ‘JD डायरी’ में प्रविष्टियाँ होती हैं — जैसे कोई सरकारी हिसाब-किताब। एक नगर पालिका अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया –
“हमसे हर महीने तय रकम भेजने को कहा जाता है, नहीं तो फाइल दबा दी जाती है। यह ‘सिस्टमेटिक ब्लैकमेलिंग’ है।”

मंडलोई साहब की व्यक्तिगत ‘विकास योजनाएँ’:

  • भोपाल, इंदौर, सतना, और बैंगलोर में बेनामी संपत्ति
  • 5 फार्महाउस, 3 लग्ज़री गाड़ियाँ, और विदेश दौरे
  • ‘नगरीय प्रशासन के निजीकरण’ की मिसाल!

बाबू से बोले अधिकारी: “UPI न हो तो चेक ले लीजिए, सादर वसूली कर लीजिए!”
कुछ कर्मचारी तो अब प्रमोशन या वेतनवृद्धि की अर्ज़ी के साथ UPI रसीद संलग्न कर रहे हैं – ताकि फाइल जल्द चले!

Buland Soch का सवाल सरकार से:

  1. क्या माताप्रसाद जाटव को ‘राज्य स्तरीय वसूली कार्यकर्ता पुरस्कार’ दिया जाएगा?
  2. क्या मंडलोई साहब को डिजिटल भ्रष्ट्राचार का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया जाएगा?
  3. और सबसे बड़ा सवाल – क्या भ्रष्टाचार भी अब GST स्लैब में लाया जाएगा?

बुलंद सोच की चेतावनी:
अगर अब भी सरकार और जांच एजेंसियां नहीं जागीं तो अगली वसूली आशुलिपिकों से UPI ID पूछकर शुरू होगी।


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